
“भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत स्वदेशी तथा घरेलू सामग्रियों के साथ ‘निश्चित लागत’ पर देश की जरूरतों को पूरा करने वाले गुणवत्ता व मांग अनुरूप डिजाइन एवं निर्मित जहाजों की समयबद्ध आपूर्ति करना हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता है।”.
सीएमडी, जीएसएल
महत्वपूर्ण सूचना


सुविधायें

100 टन क्षमता के शिपयार्ड युनिट ट्रांसपोटर्स (दो नंबर)
दो नंबर 100 T लिफ्टिंग क्षमता के शिपयार्ड यूनिट ट्रांसपोटर्स को शिप ब्लॉक और अन्य यूनिटों के आवागमन के लिये प्रयोग किया जा रहा है…
दो नंबर 100 T लिफ्टिंग क्षमता के शिपयार्ड यूनिट ट्रांसपोटर्स को शिप ब्लॉक और अन्य यूनिटों के आवागमन के लिये प्रयोग किया जा रहा है…

ड्राई बर्थिंग के लिये दो लैंड बर्थ
120 मीटर (लंबाई) × 25 मीटर (चौड़ाई) के दो नंबर लैंड बर्थ का निर्माण किया जा चुका है जिसका उपयोग जहाजों की ड्राई लैंड बर्थिंग और मरम्मत कार्य में किया जा रहा है…
120 मीटर (लंबाई) × 25 मीटर (चौड़ाई) के दो नंबर लैंड बर्थ का निर्माण किया जा चुका है जिसका उपयोग जहाजों की ड्राई लैंड बर्थिंग और मरम्मत कार्य में किया जा रहा है…

250 मीटर लंबी जेटी
जहाज को खड़ा करने के लिये दोनो तरफ 250 मीटर लंबी आघात रहित जेटी सुसज्जित है। इस जेटी में जहाजों को दोहरा खड़ा करने की क्षमता है..
जहाज को खड़ा करने के लिये दोनो तरफ 250 मीटर लंबी आघात रहित जेटी सुसज्जित है। इस जेटी में जहाजों को दोहरा खड़ा करने की क्षमता है..

शिप ट्रांसफर एरिया
13,600.00 वर्ग मीटर के शिप ट्रांसफर क्षेत्र का निर्माण डॉकिंग के बाद शिपलिफ्ट एवं ट्रांसफर सिस्टम के जरिये जहाजों के बर्थ पर ट्रांसफर में सुविधा के लिये किया गया है…
13,600.00 वर्ग मीटर के शिप ट्रांसफर क्षेत्र का निर्माण डॉकिंग के बाद शिपलिफ्ट एवं ट्रांसफर सिस्टम के जरिये जहाजों के बर्थ पर ट्रांसफर में सुविधा के लिये किया गया है…

इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन
दो नॉस 11 केवी सबस्टेशन के साथ मुख्य 33 केवी सबस्टेशन का निर्माण नयी सुविधाओं सहित मौजूद सुविधाओं की ऊर्जा आपूर्ति करने के लिये किया गया है..
दो नॉस 11 केवी सबस्टेशन के साथ मुख्य 33 केवी सबस्टेशन का निर्माण नयी सुविधाओं सहित मौजूद सुविधाओं की ऊर्जा आपूर्ति करने के लिये किया गया है..

शिपलिफ्ट व ट्रांसफर सिस्टम
शिपलिफ्ट व ट्रांसफर सिस्टम भारत में रक्षा क्षेत्र के शिपयार्डों में स्थापित होने वाला प्रथम है।
शिपलिफ्ट व ट्रांसफर सिस्टम भारत में रक्षा क्षेत्र के शिपयार्डों में स्थापित होने वाला प्रथम है।